बालाबेरी वाले बालाजी पता यहाँ पर एक कुआं था, यह मूर्ति यहां प्रकट हुई थी, इसलिए इनका नाम बालाबेरी वाले बालाजी पड़ा I स्थापना:- जिस समय यह मूर्ति प्रकट हुई थी जब साकुणिया और काबरा परिवार व्दारा मंदिर बनवाया गया I मंदिर का दुबारा पिण्डोव्दार जगदीश नारायण साकुणिया के पुत्र कृष्ण कुमार गुप्ता के व्दारा हुआ उस समय इस मंदिर को ऊपर करने के लिये खुदाई की गई 20 फिट खुदाई करने के बाद भी मूर्ति के पैर नही आये चार दिन बाद फिर खुदाई करने के लिए ग्राम सिलोरा के कुमावत ठेकेदार व अन्य मजदूर उतरे तो अचानक अग्नि उत्पन हो गईं,तो वापस मूर्ति के पीछे मिट्टी भर के यथावत स्थान पर स्थापित किया गया बुजर्गो के अनुसार कहा जाता हैं की मंदिर लाम्बा हरी सिंह ग्राम के बसने के पहले से ही हैं | यहा पर जयपुर दिल्ली मुम्बई से भी भक्त लोग पधारते हे और सभी भक्तो की मनोकामना पूर्ण होती हे मंदिर की 12 बीगा जमीन हे जिसमे 2 बीगा में मंदिर, 2 बीगा में आगे खुला स्थान और पीछे कास्त के लिये जमीन हे मंदिर पर 31 फिट का शिखरमन्द हे जिसके चारो दिशाओं में मूर्ति स्थापित हे विशेष:- हर मंलवार और शनिवार को आने वाले भक्तो की मनोकामनाऐ पूर्ण होती हे और इस दिन भक्तो का मेला लगा रहता हे नवरात्रा के समय अयोध्या और चित्रकूट से पधारे हुए संत महात्माओ व्दारा अखण्ड रामायण पठन होता हे पुजारी:- 1.श्रीमान नन्दलाल जी व्यास 2. श्रीमान महावीर प्रसाद जी व्यास 3. श्रीमान बाबूलाल जी पारासर (व्यास) 4. श्रीमान कमलकिशोर पारासर (वर्तमान) स्थान:- बलाबेरी वाले बालाजी जो ग्राम के मध्य में स्थित हे फोन नंबर: वेबसाइट: संपर्क नाम: फोन: सन्देश: Send Message